कब सपनों के लिए,
सपनों का घर छोड़ दिया पता ही नहीं चला।
रूह आज भी बचपन में अटकी,
बस शरीर जवान हो गया।
गांव से चला था,
कब शहर आ गया पता ही नहीं चला।
पैदल दौड़ने वाला बच्चा कब,
बाइक, कार चलाने लगा हूं पता ही नहीं चला।
जिंदगी की हर सांस जीने वाला,
कब जिंदगी जीना भूल गया, पता ही नहीं चला।
Lessons For Living
I see you looking at your children,
KHUD KO KABIL BANA
khud ko kaabil bana manjil ko apana bana…
Chasing Shadows
For me, life is a struggle.
MANZIL PHIR SE BANA
Honsala Toot raha ho agar jeevan me…
bachpan bit gaya
बचपन बीत गया लड़कपन में, जवानी बीत रही घर बनाने में,
JO MERE NAAM KE DANE HAI
इस जीवन की चादर में सांसों के ताने बाने हैं,
DHARA SE DOOR CHAND
दूर धरा से चाँद को निहारती
DUSRO KO BADALNE KI CHAH
यही है ज़िन्दगी कुछ ख़्वाब चन्द उम्मीदें,
Finding Hope
I've always viewed life from the sidelines,
MERI KALAM OR DAWAAT
ये कैसे अद्भूत मोती अल्फाजों के अ मालिक तूने मेरे ख्यालों में बो दिए