AANKHE JAGA NAHI KARTI

Posted on 11th Mar 2020 by sangeeta

चूड़ियों के बीच तेरी गुस्से भरी आवाज सुनने का मन करता है,

मन करता है तू आ जाए बहुत डांटे और कान पकड़कर मुझे ले जाए.

 

जाना चाहती हूं  उस बचपन में फिर से जहां तेरी गोद में सोया करती थी,

जब काम में हो कोई मेरे मन का तुम बात-बात पर रोया करती थी.

 

जब तेरे बिना लोरियों  कहानियों यह पलके सोया नहीं करती थी,

माथे पर बिना तेरे स्पर्श के ये आंखें जगा नहीं करती थी

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