AASHIKI ME BASS

Posted on 9th Mar 2020 by sangeeta

आशिकी में है बस दर्द ही दर्द  खुशी का नाम झूठा है 

जिसने की वो तो लुट ही गया  जिसने ना की वो करने को बैठे है 

मालूम है कि दर्द ही मिलना है  मुकम्मल हो भी नहीं सकती 

साथ छोङ चाहने वाले का  मुकद्दर का हाथ थामे बैठे है 

अजीब है ये खेल जज्बातो का  साँसे तो आती जाती है 

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