ab dost bahut yaad ate hai

Posted on 18th Feb 2020 by sangeeta

मैं यादों का पिटारा खोलू तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते है।

मैं गांव की गलियों से गुजरू पेड़ की छांव में बैठू तो,

कुछ दोस्त बहुत याद आते है। वो हंसते मुस्कुराते दोस्त

ना जाने किस शहर में गुम हो गए, कुछ दोस्त बहुत याद आते है।

कोई मैं में उलझा है तो कोई तू उलझा है नहीं सुलझ रही है अब इस जीवन की गुत्थी,

अब दोस्त बहुत याद आते है।

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