BAS AB MAA

Posted on 11th Mar 2020 by sangeeta

मैं तन पर ला दे फिरता दुसाले रेशमी

लेकिन तेरी गोदी की गर्माहट कहीं मिलती नहीं माँ

 

तैरती निश्छल सी बातें अब नहीं है माँ

मुझे आशीष देने को अब तेरी बाहें नहीं है माँ

 

मुझे ऊंचाइयों पर सारी दुनिया देखती है

पर तरक्की देखने को तेरी आंखें नहीं है बस अब माँ

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