desh bhakti

Posted on 14th Feb 2020 by sangeeta

देश लूटने की खातिर पग-पग पर दुश्मन बैठे हैं,
न जाने कहाँ-कहाँ से पैसे इन लोगों ने ऐंठे हैं,
बेंच दिया भारत मेरा, अब सन्यासी का रूप लिया,
धन काला वापस लाओ, अब झूठे मुह से ये कहते है,
जब सोने की चिड़िया थी तब, मुगलों ने बैर दिखाया था,
बचे -खुचे धन को लेने, फिर हिटलर भारत आया था,

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