FIE MILENGE

Posted on 9th Mar 2020 by sangeeta

फिर मिलेंगे ये सोचकर हम दोनो तसल्ली कर लिये थे 

 

घर को लौट आयी थी लेकर तुम्हारी खुश्बू 

 

तुम्हारे दिये हुए सभी खत आज कई दफा पढ़ लिये थे 

 

बार बार अपनी नादानियों को कोस रही थी 

 

कुछ कीमती लम्हे तुमसे नाराजगी में गवा दिये थे 

 

सोच रही थी काश पूरा जीवन यूँ ही बीत जाता 

 

फिर समाज और परिवार के कर्तव्य के ख्याल ने सब जबाब दे दिये थे।

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