Helen Keller

Posted on 21st Jan 2020 by rohit kumar

 

मैं कभी-कभार  ही अपनी कमियों के ,

बारे में सोचती हूँ , और वो मुझे कभी ,

दुखी नहीं करते , शायद एक-आध बार ,

थोड़ी पीड़ा होती है ; 

पर वह फूलों के बीच में हवा के ,

झोंके के समान अस्पष्ट है |

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