INTEZAAR ME KATE HAI DIN

Posted on 27th Feb 2020 by sangeeta

कैसे जीऊ मैं खुशहाल ज़िन्दगी

उसकी मोहब्बत ने हमको मारा हैं

 

रखा था जो दिल संभाल कर

उस दिल को हमने हारा हैं

 

बनता हैं महफ़िलो की शान वो

पर बनता ना मेरा सहारा हैं

 

दूर भी हम कैसे रह सकते हैं

इंसां वो सबसे लगता प्यारा हैं

 

जाए कहा अब उसे छोड़ कर

बिन उसके ना अब गुजारा हैं

 

इंतजार में कटते हैं दिन और रात

दूजा ना अब कोई और चारा हैं

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