आज रात फिर ख़यालो में तुम हो,
आज फिर लिखने की वजह तुम हो।
इस चाँद की चाँदनी भी तुम हो,
इस रात का अंधेरा भी तुम हो।
मेरी इबादत भी तुम हो ,
मेरा खुदा भी तुम हो।
मेरी मंज़िल भी तुम हो,
मेरी हर राह भी तुम हो।
मेरा हर सवाल भी तुम हो,
मेरा हर जवाब भी तुम हो।
मेरी ज़िन्दगी की हकीकत भी तुम हो,
मेरे ना पुरे होते ख़्वाब भी तुम हो।
मेरी बातों में तुम हो,
मेरी ख़ामोशी में तुम हो।
जो ना हुआ मेरा वोह तुम हो,
जो सब कुछ है मेरा वोह तुम हो।
जो नादान हुआ वोह इश्क़ भी तुम हो,
जो बेइन्तहां हुआ वोह इश्क़ भी तुम हो।
आज फिर ख़यालो में तुम हो,
आज फिर मुझमे तुम हो।
KHUD KO KABIL BANA
khud ko kaabil bana manjil ko apana bana…
WO HAR NAJARIYA
वो हर नजरिया , हमने बदल दिया
No Othe Friend
No other friend is quite like you.
AAPKI LADAI KOI OR LAD RAHA HAI
BAS THODI DER
बस थोड़ी सी देर के लिए तुम्हारा मुझसे मिलने का मन नहीं करता…
A Thing Called Love
You know the thing... right?
dharam apne bhasha ki izat karte hai
अपने धर्म, देश, भाषा की, जो इज़्ज़त करते हैं,
ULJHE SAWAL
Kuch Uljhe Sawalo Se Darta Hai Dil,
Life Doesn't Frighten Me
Shadows on the wall
Why Can't People See The Real Me?
Why?