आज रात फिर ख़यालो में तुम हो,
आज फिर लिखने की वजह तुम हो।
इस चाँद की चाँदनी भी तुम हो,
इस रात का अंधेरा भी तुम हो।
मेरी इबादत भी तुम हो ,
मेरा खुदा भी तुम हो।
मेरी मंज़िल भी तुम हो,
मेरी हर राह भी तुम हो।
मेरा हर सवाल भी तुम हो,
मेरा हर जवाब भी तुम हो।
मेरी ज़िन्दगी की हकीकत भी तुम हो,
मेरे ना पुरे होते ख़्वाब भी तुम हो।
मेरी बातों में तुम हो,
मेरी ख़ामोशी में तुम हो।
जो ना हुआ मेरा वोह तुम हो,
जो सब कुछ है मेरा वोह तुम हो।
जो नादान हुआ वोह इश्क़ भी तुम हो,
जो बेइन्तहां हुआ वोह इश्क़ भी तुम हो।
आज फिर ख़यालो में तुम हो,
आज फिर मुझमे तुम हो।
DESH HAMARA HAI
इस देश की मिट्टी में
A Dieter's Desire
Oh my soul, be thou quiet
Best Friend
You're a very special person.
A Choice Is Mine
Life may not let me select my lot,
SACH HO YA NA HO
साथ हमारा हो ना हो,लेकिन मिलना तो बस मुक़द्द्र में है
Have A Good Day
May your blessings be many
Feelings About Him
Peace and love,
mujhe kya fikar
उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ …
EKTHALIME KHANA KHAY
Main Muslim Hoon, Tu Hindu Hai, Hain Dono Insaan,
Am Not Really 60
That's not my age; it's just not true.