kuchh pal ki bate

Posted on 6th Feb 2020 by sangeeta

कोई मैं में उलझा है तो कोई तू उलझा है

नहीं सुलझ रही है अब इस जीवन की गुत्थी,

अब दोस्त बहुत याद आते है।

जब मैं मनाता हूं कोई त्यौहार

तो हंसते गाते दोस्त नजर आते है,

लेकिन अब तो होली, दिवाली भी मिलना नहीं होता।

कोई पैसा कमाने में व्यस्त है

तो कोई परिवार चलाने में व्यस्त है

याद करता हूं पुराने दिन तो

कुछ दोस्त बहुत याद आते है।

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