KYA HAI ZINDGI

Posted on 21st Feb 2020 by sangeeta

शून्य में निहारते आसमान को देख कर भूल जाता हूं मैं अपनी परेशानी ।

 

तितलियों को फूलों की पंखुड़ियों पर बैठ कर हवाओं के साथ लहराते देख कर भूल जाता हूं सारे तनाव ।

 

अविरल बहती नदियों को देख कर भूल जाता हूं सारे अवसाद ।

 

पहाड़ों पर चढ़ कर दूर हरे भरे खेतों को आसमानी निगाहों से देखकर भूल जाता हूं सारे दर्द ।

 

झरनों से सरसरा कर नीचे आते पानी को देखकर भूल जाता हूं सारे कुंठा ।

 

लहराते सरसौ के खेत में हाथ फैला कर खड़े होकर भूल जाता हूं सारे शिकवे

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