mea mantar hun

Posted on 26th Feb 2020 by sangeeta

वन्देमातरम गीत नहीं मैं मंत्र हूँ जीने-मरने का|

बना रहे हथियार मुझे क्यों अपनो से ही लड़ने का|

 

जिनने अपनाया मुझको वे सबकुछ अपना भूल गए,

मात्रु -भूमि पर जिए-मरे हंस-हंस फंसी पर झूल गए|

वीर शिवा,राणा,हमीद लक्ष्मीबाई से अभिमानी,

भगतसिंह,आजाद,राज,सुख औ बिस्मिल से बलिदानी|

अवसर चूक न जाना उनके पद-चिन्हों पर चलने का

वन्देमातरम गीत नहीं मैं मंत्र हूँ जीने-मरने का|

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