“मन जहां डर से परे है
और सिर जहां ऊंचा है;
ज्ञान जहां मुक्*त है;
और जहां दुनिया को
संकीर्ण घरेलू दीवारों से
छोटे छोटे टुकड़ों में बांटा नहीं गया है;
जहां शब्*द सच की गहराइयों से निकलते हैं;
जहां थकी हुई प्रयासरत बांहें
त्रुटि हीनता की तलाश में हैं;
जहां कारण की स्*पष्*ट धारा है
जो सुनसान रेतीले मृत आदत के
वीराने में अपना रास्*ता खो नहीं चुकी है;
जहां मन हमेशा व्*यापक होते विचार और सक्रियता में
तुम्*हारे जरिए आगे चलता है
और आजादी के स्*वर्ग में पहुंच जाता है
ओ पिता
मेरे देश को जागृत बनाओ”
Naam likha haye mera desh
Pyara pyara mera desh,
The Feeling Of Emptiness
I look into a broken mirror,
APNA SAMAJH LIYA
HMNE HI KUCH JYADA APNA SAMAJH
Life Is Now
Time flies and memories fade.
Hurt By You
Why did you have to go?
TUMHARI MUSKAN HO MERA JIWAN
जिस क्षण तुम मुझे स्वयं से अलग करो,
JHANSI KI RANI
सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
A Rooted Friend
Friends come and go
Because I Needed A Friend
I called you late last night
Har aansu mera ek shola hai
Dard apne dil ka humne