MERI MOHOBBAT

Posted on 27th Feb 2020 by sangeeta

मेरी महोब्बत के पसीनो को, काश तुम पहले पोछ पाते…

अब तो दिल ने अश्क भी बयां करने बंद कर दिए हैं,

काश उस धड़कते दिल की धड़कन तुम पहले सुन पाते…

चलो जो भी है, मैं याद तो हूँ तुम्हे,

मेरे जाने का तुम में फनाह हो जाने का मालूम तो है तुम्हे…

नहीं तो कहाँ जगह होती है हम जैसे फकीरों की,

सब बेकार हो जाती है किस्मत जो लिखी होती है लकीरों की…

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