Naam ke liye reh gayi

Posted on 25th Feb 2020 by sangeeta

पहले दोस्त, दोस्त की मदद करता था दोस्ती के लिए

आज दोस्त, दोस्त की मदद करता है अक्सर अपने स्वार्थ के लिए

 

पहले दोस्त पैसा दोस्त को दे देता था हमेशा के लिए

और दोस्त कैसे भी करके लौटाता था, मन के सुकून के लिए

 

आज कल दोस्ती तो लगता है, जैसे नाम के लिए रह गयी हैं

कितना सब बदल गए हैं और कितनी सोच भी बदल गयी हैं

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