बेटा घर पर लता है अपनी गर्लफ्रेंड को माँ से मिलवाने
लड़के की माँ बर्तन धो रही थी लड़की ने कहा आंटी जी मे धो देती हूँ
लड़के की माँ ने लड़के से कहा मुझे पड़ी लिखी लड़की चाहिये
गवार नही लड़का फिर स्टेंडर की लड़की ले आया
लड़के की मा ने स्टेंडर की लड़की से कहा बेटा बर्तन धो दो
लड़की ने कहा सॉरी आंटी मेरे नेल्स खराब हो जायंगे आप ही धो दीजीय
फिर लड़के की माँ सोचती है इसे अच्छी तो पहले वाली थी
अनपड़ हो या पड़ी लिखी दिल देखा जाता है
mujhe kya fikar
उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ …
It Feels Like A Lifetime Ago
Feels like a lifetime ago
MUJHE NA BASANT BHATA HAI
मुझे न बसंत भाता है,
DESH BHAKT
अमरपुरी से भी बढ़कर के जिसका गौरव-गान है-
still hold the most space in our hearts.
And then I realized
kya dhoondti rehti hai ye aankhe
सब कुछ तो है क्या ढूँढ़ती रहती हैं निगाहें,क्या बात है मैं वक़्त पे घर क्यों
shahido ke naam
मज़हब जुदा सही वतन तो एक है, है फूल रंग रंग के चमन तो एक है,
Darkness...
Darkness unfolds when one man's touch
If I Were To Write A Poem
If I were to write a poem,
You Will Never See Me Fall
You may see me struggle,