sara desh hamara

Posted on 26th Feb 2020 by sangeeta

कहीं तुम्हें परबत लड़वा दे, कहीं लड़ा दे पानी

भाषा के नारों में गुप्त है, मन की मीठी बानी

आग लगा दो इन नारों में

इज़्ज़त आ गई बाज़ारों में

कब जागेंगे सोये सूरज! कब होगा उजियारा

 

जीना हो तो मरना सीखो, गूँज उठे यह नारा -

केरल से करगिल घाटी तक

सारा देश हमारा

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