Shahjhan Ki Mumtaj

Posted on 17th Jan 2020 by rohit kumar

उसकी आँखे जैसी एक राज़ हो

 

उसकी खामोशियाँ जैसे एक आवाज़ हो

 

उसकी नज़र जैसे हमेशा उदास हो

 

हम देखते रहे इस कदर उन्हें

 

जैसे वो शाहजहां की ममताज़ हो|

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