SIR KA BOJH

Posted on 15th Feb 2020 by sangeeta

 

विपदा में निर्भीक रहूँ मैं,इतना, हे भगवान,करो।

कोई जब न मदद को आये मेरी हिम्मत टूट न जाये।

जग जब धोखे पर धोखा दे और चोट पर चोट लगाये –

अपने मन में हार न मानूं,ऐसा, नाथ, विधान करो।

 

विपदा में निर्भीक रहूँ मैं,इतना, हे भगवान,करो।

नहीं माँगता हूँ, प्रभु, मेरी जीवन नैया पार करो

पार उतर जाऊँ अपने बलइतना, हे करतार, करो।

नहीं मांगता हाथ बटाओ मेरे सिर का बोझ घटाओ

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