TO TUM HO KON

Posted on 16th Mar 2020 by sangeeta

अगर अजनबी सी कोई हो तुम, फिर तुम्हें खोने का डर क्यों।

और हो मेरी, तो ये सौतेलापन क्यों। ।

 

अगर गुनाह सी कोई हो तुम, फिर तुम्हारे पास होने पे इतना सुकुन क्यों।

और हो इबादत, तो ये घबराहट क्यों।।

 

अगर परेशानी हो कोई तुम, फिर तुम्हारा इतने बेसब्री से इंतजार क्यों।

और हो मददगार , तो बात- बात पर ये पत्थर क्यों।।

 

अगर झूठ सी कोई हो तुम , फिर सीने में तुम्हारे होने का एहसास क्यों।

और सच हो, तो तुम हो कौन ?

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