TUM LOT KAR MAT JANA

Posted on 18th Feb 2020 by sangeeta

तुम आओ तो

इस बार लौट कर मत जाना।

मन के बगीचे में हरियाली तुम्ही से

खिले फूलों को फिर से नहीं है मुरझाना।

तुम बिन हर एक क्षण है पतझड़

अकेले तुम बिन अब नहीं है एक पल बिताना।

तुम आओ तो

इस बार लौट कर मत जाना।

तुम बिन हाल एेसा जैसे पानी बिन मछली का

ठीक नहीं ऐसे अपनी प्रिये को तङ़पाना।

मेरे साँसों की नाजुक डोर बँधी तुमसे

अब कठिन है स्वयं को तुमसे दूर रख पाना।

तुम आओ तो

इस बार लौट कर मत जाना।

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