tumse jab bate shuru hui

Posted on 18th Feb 2020 by sangeeta

उस एक दिन जब बातें शुरू हुई तुमसे लगा कुछ तो अलग सा है तुम में

लगा कुछ तो नया सा है तुम में फिर रोज़ की बातें होती गयी

और यूं बिना सोचे पिघलती रही मैं उन में यूं ही बिना समझे फिसलती रही उस रास्ते पे

हाँ पता था मुझको दोबारा उसी रास्ते जा रही हूँ जहाँ गम बहुत हैं

पर गम की क्या बिसात यहाँ तुम्हारा साथ बहुत है

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