aaj ki jeet

Posted on 18th Feb 2020 by sangeeta

आज जीत की रात पहरुए! सावधान रहना

खुले देश के द्वार अचल दीपक समान रहना

प्रथम चरण है नये स्वर्ग का है मंज़िल का छोर

इस जन-मंथन से उठ आई पहली रत्न-हिलोर

अभी शेष है पूरी होना जीवन-मुक्ता-डोर

क्यों कि नहीं मिट पाई दुख की विगत साँवली कोर

ले युग की पतवार बने अंबुधि समान रहना।

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