नव-जीवन का वैभव जाग्रत हो जनगण में,
आत्मा का ऐश्वर्य अवतरित मानव-मन में!
रक्त-सिक्त धरणी का हो दु:स्वप्न-समापन,
शांति-प्रीति-सुख का भू स्वर्ण उठे सुर मोहन!
भारत का दासत्व दासता थी भू-मन की,
विकसित आज हुई सीमाएँ जन-जीवन की!
धन्य आज का स्वर्ण-दिवस, नव लोक जागरण,
नव संस्कृति आलोक करे जन भारत वितरण
How It Used To Be
I saw her during recess
JO JISE MILA HUMNE WAHI SIKHA
जो जिससे मिला सिखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने
DHALTA SURAJ
Shaam ka dhalta sooraj hu main
AANKHON ME NAZAR AATA HAI
तेरी आँखों में नज़र आता है स्वप्न मेरा,
Kuch baten hum se
Kuch Baatein Hum Se Suna Karo,
MERA WATAN WAHI HAI
चिश्ती ने जिस ज़मीं पे पैग़ामे हक़ सुनाया
Because She Was My Best Friend
Together we would laugh, together we would cry,
The Pain Inside
I saw the stars that shine
EK BAAR HIMAT JUTAYA BHI
एक बार हिम्मत जुटाया भी
When I First Saw You
Vulnerable before I found you