aalok kare jan bharat

Posted on 18th Feb 2020 by sangeeta

नव-जीवन का वैभव जाग्रत हो जनगण में,

आत्मा का ऐश्वर्य अवतरित मानव-मन में!

रक्त-सिक्त धरणी का हो दु:स्वप्न-समापन,

शांति-प्रीति-सुख का भू स्वर्ण उठे सुर मोहन!

भारत का दासत्व दासता थी भू-मन की,

विकसित आज हुई सीमाएँ जन-जीवन की!

धन्य आज का स्वर्ण-दिवस, नव लोक जागरण,

नव संस्कृति आलोक करे जन भारत वितरण

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