ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन तुझ पे दिल कुरबान तू ही मेरी आरजू़, तू ही मेरी आबरू तू ही मेरी जान तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम चूम लूँ मैं उस जुबाँ को जिसपे आए तेरा नाम सबसे प्यारी सुबह तेरी सबसे रंगी तेरी शाम तुझ पे दिल कुरबान माँ का दिल बनके कभी सीने से लग जाता है तू और कभी नन्हीं-सी बेटी बन के याद आता है तू जितना याद आता है मुझको उतना तड़पाता है तू तुझ पे दिल कुरबान छोड़ कर तेरी ज़मीं को दूर आ पहुँचे हैं हम फिर भी है ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की कसम हम जहाँ पैदा हुए उस जगह पे ही निकले दम तुझ पे दिल कुरबान – प्रेम धवन 16 अगस्त 2006
The Mirror
My mirror is broken, or at least it seems to be,
Only A Dream
I'm living in my little world.
Broken Wings
Wings of wax will melt and fall apart,
HUM BADAL NA NAHI CHAHTE
हम राह को बदलना नहीं चाहते हैं,
SANSAR CHALAY BETHE HAIN
क्या बात करूँ मैं लोगो की
Love Relations
Relationships are like lemons,
Where The Street Ends
There's a place on each road...
I Still Love You
Of all the things I've ever said,
Final Moments
It wrecks me, that last moment
VIDHYALAY ME SABHA
विद्यालय में सभा की समाप्ति पर,