bat hai yeh kon jo hoti nahi

Posted on 25th Feb 2020 by sangeeta

जो कभी अपने समय को यों बिताते है नहीं

काम करने की जगह बातें बनाते हैं नहीं

आज कल करते हुए जो दिन गँवाते है नहीं

यत्न करने से कभी जो जी चुराते हैं नहीं

 

बात है वह कौन जो होती नहीं उनके लिये

वे नमूना आप बन जाते हैं औरों के लिये।।

व्योम को छूते हुए दुर्गम पहाड़ों के शिखर

वे घने जंगल जहां रहता है तम आठों पहर

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