DUSRO KO BADALNE KI CHAH

Posted on 20th Feb 2020 by sangeeta

यही है ज़िन्दगी कुछ ख़्वाब चन्द उम्मीदें,

इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो।

 

तुम ढूंढ रहे हो अंधेरो में रोशनी ,खुद रोशन कर सको तो चलो,

कहा रोक पायेगा रास्ता कोई जुनून बचा है तो चलो।

 

जलाकर खुद को रोशनी फैला सको तो चलो,

गम सह कर खुशियां बांट सको तो चलो।

 

खुद पर हंसकर दूसरों को हंसा सको तो चलो,

दूसरों को बदलने की चाह छोड़ कर, खुद बदल सको तो चलो।

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