ek adhoori mohabbat

Posted on 14th Feb 2020 by sangeeta

कैसे जीऊ मैं खुशहाल ज़िन्दगी
उसकी मोहब्बत ने हमको मारा हैं

रखा था जो दिल संभाल कर
उस दिल को हमने हारा हैं

बनता हैं महफ़िलो की शान वो
पर बनता ना मेरा सहारा हैं

दूर भी हम कैसे रह सकते हैं
इंसां वो सबसे लगता प्यारा हैं

जाए कहा अब उसे छोड़ कर
बिन उसके ना अब गुजारा हैं

इंतजार में कटते हैं दिन और रात
दूजा ना अब कोई और चारा हैं

Other poetry