ishq hi khuda hai

Posted on 14th Feb 2020 by sangeeta

जो मिला मुसाफ़िर वो रास्ते बदल डाले
दो क़दम पे थी मंज़िल फ़ासले बदल डाले

आसमाँ को छूने की कूवतें जो रखता था
आज है वो बिखरा सा हौंसले बदल डाले

शान से मैं चलता था कोई शाह कि तरह
आ गया हूँ दर दर पे क़ाफ़िले बदल डाले

फूल बनके वो हमको दे गया चुभन इतनी
काँटों से है दोस्ती अब आसरे बदल डाले

इश्क़ ही ख़ुदा है सुन के थी आरज़ू आई
ख़ूब तुम ख़ुदा निकले वाक़िये बदल डाले

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