jane bhi do yaarooooo

Posted on 15th Feb 2020 by sangeeta

जाने भी दो यारों

जाने भी दो यारों

कब तक निगाहों में उनके बनते फिरोगे तुम गाफ़िल

कल भी तेरे गुनाहों की चर्चा थी महफ़िल महफ़िल

इस शोख मुहब्बत से तौबा क्यों न कर लो यारों

जाने भी दो यारों

अटकी पड़ी हैं सांसें बंद घड़ी की सूइयों सी

मिलन की आशाएं दुबकी पड़ी छुइमुइ सी

नयनों में चाहत की इतनी सदा क्यों हो यारों

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