गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे |
जगह जगह झंडे फहराते यही पर्व की रीत रे ||
सभी मनाते पर्व देश का आज़ादी की वर्षगांठ है |
वक्त है बीता धीरे धीरे साल एक और साठ है ||
बहे पवन परचम फहराता याद जिलाता जीत रे |
गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे |
जगह जगह झंडे फहराते यही पर्व की रीत रे ||
जनता सोचे किंतु आज भी क्या वाकई आजाद हैं |
भूले मानस को दिलवाते नेता इसकी याद हैं ||
मंहगाई की मारी जनता भूल गई ये जीत रे |
गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे |
जगह जगह झंडे फहराते यही पर्व की रीत रे ||
हमने पाई थी आज़ादी लौट गए अँगरेज़ हैं |
किंतु पीडा बंटवारे की दिल में अब भी तेज़ है ||
भाई हमारा हुआ पड़ोसी भूले सारी प्रीत रे |
गली गली में बजते देखे आज़ादी के गीत रे |
जगह जगह झंडे फहराते यही पर्व की रीत रे
Befikri ho chali
बेफिक्र हो चली थी ज्योंही तुम्हारा काँधा मिला था
Time Increase Love
Time is like the wind,
Why You're My Friend
You are mine until the end.
BOLE SUBHASH JI
दमकी उनकी रक्तिम काया!
My Sleeping Angel
my sleeping angel
From My Heart
A million stars up in the sky.
tum jo kehte hume
Tum jo kahte hume
My Dearest Love
I see you in my thoughts and dreams.
A Time To Talk
When a friend calls to me from the road
DIL AAKHIR KYUN ROTA HAI .
YEH JO GEHRE SANNATE HAIN,