JINE KI CHAH

Posted on 7th Mar 2020 by sangeeta

जीने की चाह सभी को होती है सदा।

ये ज़िन्दगी नये सपने संजोती है सदा।।

अपने अरमानों को हम सजाएँ।

इन्हें और भी खूबसूरत बनाएँ।।

बन जाये बेहतर आज, कल अपना।

सदा शांति से गुज़रे हर पल अपना।।

अपनी गलती को हम सुधारें।

अच्छी दृष्टि से सबको निहारें

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