jiwant mera prem saans leta hai

Posted on 20th Feb 2020 by sangeeta

उसकी हर बात घोलती है मेरे कानों में अमृत, किन्तु,

मैं जानता हूँ कि उसकी बोली कहीं से भी महान सँगीत नहीं,

स्वीकारता हूँ कि नहीं देखी कोई देवी मैंने साक्षात चलते हुए,

पर मैंने देखा है अपनी प्रिया को सड़क पर डग धरते हुए ।

सुनो, क्यों न समझूँ मैं कि मेरा प्रेम है सर्वथा दुर्लभ प्रिये,

जीवन्त मेरा प्रेम सांस लेता है इन झूठी उपमाओं में परे !

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