KHUL GAYI HO JAISE KISMAT

Posted on 19th Feb 2020 by sangeeta

कैसी उठी है दिल में, शरारत नई-नई…२

दिल चाहता है अब करना, मुहोब्बत नई-नई!

 

हो दिल से निकली हर बात, जो सुने कोई दिल से…२

दिल चाहता है अब करना, इबादत नई-नई!

 

उसके चहरे की अलकों में, छिपा हो कोई नग्मा…२

पढ़ ले जिसे कोई, तो आए क़यामत नई-नई!

 

मुक्कदर में मेरे, लिखी है खुशियाँ तुझसे ही…२

शायद खुदा की है तू कोई रहमत नई-नई!

 

महसूस हो रहा है मुझे, अब हर लम्हा मुहोब्बत का…२

खुल गई हो जैसे कोई, किस्मत नई-नई

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