एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
सुनो… सुनो न!
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें
और बदलके इस रिश्ते को ढेर सारा प्यार देते हैं !
चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सवार लेते हैं!
जो गलतियां तुमने की हैं, जो गलतियां मैंने की हैं!
साथ बैठके आज उन्हें सुधार लेते हैं
चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सवार लेते हैं
प्यार तुमको भी है, प्यार हमको भी है
आओ इस बात को मन से स्वीकार लेते हैं!
jiwant mera prem saans leta hai
उसकी हर बात घोलती है मेरे कानों में अमृत, किन्तु,
MUJHE NAHI PATA
Mujhe Nahi Pata Ki Main UskiZindagi Mein Important Hu YaNahi But I Hope Ki Jab MainMaru To Uski Aankhon Mein AansuHo Aur Wo Mujhse Kehe Uth Na Yar Mazak Mat Kar
chalo fir se hum bache ban jate hai
होम-वर्क की डांट से बचने के बहाने बनाते हैं ..
mene raah dekhi thi kab se
Raah dekhi thi is din ki kabse, Aage ke sapne
Friendzz..
Opposites
bachpan bit gaya
बचपन बीत गया लड़कपन में, जवानी बीत रही घर बनाने में,
Love More Hurts
I don't get how you can't see
HUM BADAL NA NAHI CHAHTE
हम राह को बदलना नहीं चाहते हैं,
mati mere desh ki
नदी, झील, झरनों की झाँकी मनमोहक है,
My Friend Hope
I have an invisible friend