एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
सुनो… सुनो न!
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें
और बदलके इस रिश्ते को ढेर सारा प्यार देते हैं !
चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सवार लेते हैं!
जो गलतियां तुमने की हैं, जो गलतियां मैंने की हैं!
साथ बैठके आज उन्हें सुधार लेते हैं
चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सवार लेते हैं
प्यार तुमको भी है, प्यार हमको भी है
आओ इस बात को मन से स्वीकार लेते हैं!
mujhe kya fikar
उलझनों और कश्मकश में उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ …
Love After Love
The time will come
Ek itihaas
कभी कलम के फूल, बन अंगार ढह जाते हैं, लम्हे।
AAPKI LADAI KOI OR LAD RAHA HAI
I Couldn't Pretend
Friends indeed,
PATHAR DIL
KHO GAYI HAI MANJILE, MIT GAY HAI SARE RASTE
saikil ke pahiy fir se ghumay
चलो फिर से बच्चे बन जाते हैं
NA JANE KISKA DIL SEENE SE CHHU PAY BAITHE HAI
जो चोट खाकर बैठे है वो शायर बन बैठे है
As Is Life
It's strange the things you remember
Keep On Smiling
As you travel on life's way