एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
सुनो… सुनो न!
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें
और बदलके इस रिश्ते को ढेर सारा प्यार देते हैं !
चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सवार लेते हैं!
जो गलतियां तुमने की हैं, जो गलतियां मैंने की हैं!
साथ बैठके आज उन्हें सुधार लेते हैं
चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सवार लेते हैं
प्यार तुमको भी है, प्यार हमको भी है
आओ इस बात को मन से स्वीकार लेते हैं!
safar me dhoop
यही है ज़िन्दगी कुछ ख़्वाब चन्द उम्मीदें, इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको
SACH HO YA NA HO
साथ हमारा हो ना हो,लेकिन मिलना तो बस मुक़द्द्र में है
KAHIN YE MERI ZINDAGI TO NAHI
इन अंधेरों में मुझे एक रौशनी सी दिखती है…
Farz hai jo umar bhar nibhana hai
सुख-दुख के अफसाने का
I Light The Torch
I light a torch and hold it high
dharam apne bhasha ki izat karte hai
अपने धर्म, देश, भाषा की, जो इज़्ज़त करते हैं,
Why I Chose You
I've always underestimated myself,
My Promises For You
If you were my rose, then I'd be your sun,
My One-Sided Love
My love for her is a roaring fire.
Drowning...
They come in waves,