ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन तुझ पे दिल कुरबान तू ही मेरी आरजू़, तू ही मेरी आबरू तू ही मेरी जान तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम चूम लूँ मैं उस जुबाँ को जिसपे आए तेरा नाम सबसे प्यारी सुबह तेरी सबसे रंगी तेरी शाम तुझ पे दिल कुरबान माँ का दिल बनके कभी सीने से लग जाता है तू और कभी नन्हीं-सी बेटी बन के याद आता है तू जितना याद आता है मुझको उतना तड़पाता है तू तुझ पे दिल कुरबान छोड़ कर तेरी ज़मीं को दूर आ पहुँचे हैं हम फिर भी है ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की कसम हम जहाँ पैदा हुए उस जगह पे ही निकले दम तुझ पे दिल कुरबान – प्रेम धवन 16 अगस्त 2006
wo zindgi hi kya jisme mohobbat na ho.
wo mobbat hi kya jisme yaaden na ho
आज रात दुख वाली है तो कल दिवाली है,
If you awake to one more dreary day,
an empty heart with empty hours to kill,
rem
HMNE HI KUCH JYADA APNA SAMAJH
LIYA THA UNHE APNE TO WHO HUE
HI NAHI.....KY
If Four Is A Party This Is A Parade
I have one too many personalities,
I don't know which one is me,
So if I'm nice a
Until I met you my heart stood still
Like the moon and the sun
Their love is true
चाहे नजर ना आये कहीं उजाला
चाहे लग
आशिकी में है बस दर्द ही दर्द खुशी क
Your smile makes me smile,
Your laugh makes me laugh.
Your eyes are enchanting.
करनेवाले काम बहुत हैं व्यर्थ उलझनों