TADAPTE HAI PED OR PANCHHI

Posted on 22nd Feb 2020 by sangeeta

बनते बिगड़ते हालातों का

हिसाब है जिंदगी,

हर रोज एक नया पन्ना जुड़ता है जिसमें

वो ही एक किताब है जिंदगी।

 

हर पल एक नया किस्सा,

तैयार रहता है अपना अंत पाने को,

ग़मों के दौर में, खुशियों की राह तकते हैं कई लोग

तड़पते हैं पेड़ और पंछी पतझड़ में जैसे बसंत पाने को।

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