अमरपुरी से भी बढ़कर के जिसका गौरव-गान है-
तीन लोक से न्यारा अपना प्यारा हिंदुस्तान है।
गंगा, यमुना सरस्वती से सिंचित जो गत-क्लेश है।
सजला, सफला, शस्य-श्यामला जिसकी धरा विशेष है।
ज्ञान-रश्मि जिसने बिखेर कर किया विश्व-कल्याण है-
सतत-सत्य-रत, धर्म-प्राण वह अपना भारत देश है।
यहीं मिला आकार ‘ज्ञेय’ को मिली नई सौग़ात है-
इसके ‘दर्शन’ का प्रकाश ही युग के लिए विहान है।
MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
Quite possibly
To laugh often and much;
How And When
We are often greatly bothered
CHHOTA YE SANSAAR
गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है।
LIKHTI HU TUMHARE INTEZAAR MAI
लिखती हूँ मैं,
log kehte hai jamin par kisi ko khuda nahi milta
लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मिलता,
You Have A Friend In Me
You have a friend in me,
AAJ RAT KI KHAMOSHI
आज रात मेरी यह ख़ामोशी उन्हें सुना देना,
I Light The Torch
I light a torch and hold it high
hamari easi kismat kahan
ऐसी कहाँ मेरी किस्मत कि आपका प्यार हमें मिलता