YOOG KE VIHAAN

Posted on 20th Feb 2020 by sangeeta

अमरपुरी से भी बढ़कर के जिसका गौरव-गान है-

तीन लोक से न्यारा अपना प्यारा हिंदुस्तान है।

गंगा, यमुना सरस्वती से सिंचित जो गत-क्लेश है।

सजला, सफला, शस्य-श्यामला जिसकी धरा विशेष है।

ज्ञान-रश्मि जिसने बिखेर कर किया विश्व-कल्याण है-

सतत-सत्य-रत, धर्म-प्राण वह अपना भारत देश है।

 

यहीं मिला आकार ‘ज्ञेय’ को मिली नई सौग़ात है-

इसके ‘दर्शन’ का प्रकाश ही युग के लिए विहान है।

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