अमरपुरी से भी बढ़कर के जिसका गौरव-गान है-
तीन लोक से न्यारा अपना प्यारा हिंदुस्तान है।
गंगा, यमुना सरस्वती से सिंचित जो गत-क्लेश है।
सजला, सफला, शस्य-श्यामला जिसकी धरा विशेष है।
ज्ञान-रश्मि जिसने बिखेर कर किया विश्व-कल्याण है-
सतत-सत्य-रत, धर्म-प्राण वह अपना भारत देश है।
यहीं मिला आकार ‘ज्ञेय’ को मिली नई सौग़ात है-
इसके ‘दर्शन’ का प्रकाश ही युग के लिए विहान है।
SHABNAM ROSHANI
श्वेत, सर्द आनन्दमय चाँद की मोहब्बत भरी रात
pata hi na chala
एक जमाना जब दोस्तों के साथ,
Dil ki es diwar par tera naam
Dil ki es diwar par tera naam likhta hoon
fasal koi or katta hai
ऐसी अटल अवस्था में भी, कल क्यों पल-पल टलता है,
After The Party
It's getting late, I must go
dosti ka rishta
Dosti ka rista hota hai khas ,
Live Life To Fullest
Life is like an old house; it gets used,
Love Me Tomorrow
Love me tomorrow, for it is a new day
You Used Me
You used me.
Live, Love, Laugh
Live, love, laugh,