अमरपुरी से भी बढ़कर के जिसका गौरव-गान है-
तीन लोक से न्यारा अपना प्यारा हिंदुस्तान है।
गंगा, यमुना सरस्वती से सिंचित जो गत-क्लेश है।
सजला, सफला, शस्य-श्यामला जिसकी धरा विशेष है।
ज्ञान-रश्मि जिसने बिखेर कर किया विश्व-कल्याण है-
सतत-सत्य-रत, धर्म-प्राण वह अपना भारत देश है।
यहीं मिला आकार ‘ज्ञेय’ को मिली नई सौग़ात है-
इसके ‘दर्शन’ का प्रकाश ही युग के लिए विहान है।
KHET KE PAAR
तनाव से झुर्रियां पड़ी कोरों की दरार से
I Am Worthy
I am worthy. There is nothing
Happy Birthday, Sister
Once a year we celebrate
My Dearest Love
I see you in my thoughts and dreams.
JIWAN KA MULYA
कोई आपके लिए रूपये खर्च करेगा तो कोई,
KUCH LOG KEHTE HAI
कुछ कहते हैं मजबूर हैं हम
Till I Breathe My Last
When you love and hold me without any fear
MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
SAANSE JISME TERE ISHQ KI
Ho toh gayi thi who sabhi baatein jo kehni thi
Blood And Poison Tears
Rain, rain, go away,