Bhartiye Tiranga

Posted on 20th Jan 2020 by rohit kumar

हरी भरी धरती हो

नीला आसमान रहे

फहराता तिरँगा,

चाँद तारों के समान रहे।

त्याग शूर वीरता

महानता का मंत्र है

मेरा यह देश

एक अभिनव गणतंत्र है

 

शांति अमन चैन रहे,

खुशहाली छाये

बच्चों को बूढों को

सबको हर्षाये

 

हम सबके चेहरो पर

फैली मुस्कान रहे

फहराता तिरँगा चाँद

तारों के समान रहे।

Other poetry