DOR MANTHAN KE

Posted on 7th Mar 2020 by sangeeta

यह नियम है

भावनाओं के आवेश में

मुश्किल हो जाता है

खेल और भी

एक हल्की सी चूक पर

समर्थ होते हुए भी

बजीर पिट जाता है

मात्र प्यादे से ही।

होता है आकंलन

सही और गलत का

खेल की समाप्ति पर

हार – जीत यश-अपयश

और चलते है दौर मंथन के भी।

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