jiwan ki dhara chalne do

Posted on 14th Feb 2020 by sangeeta

जीवन की धरा को अविरल बहने दो कर्म के पथ पर दीपक को जलने दो उत्साह के कमल को खिलते रहने दो चलना ही जीवन है जीवन को चलने दो              अलसता की छाया को कभी न पड़ने दो              अज्ञानता के दुश्मन को कभी नफटकाने दो              दुश्मनों को अपने सर पर न बैठने दो              पराधीनता को न कभी छूने दो              चलना ही जीवन है जीवन को चलने दो

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