JIWAN ME GURUR JARURI NAHI

Posted on 22nd Feb 2020 by sangeeta

पानी के बिना नदी बेकार है,

 

अतिथि के बिना आंगन बेकार है,

 

प्रेम ना हो तो सगे-संबंधी बेकार है,

 

पैसा न हो तो पॉकेट बेकार है

 

और जीवन में गुरु न हो तो जीवन बेकार है|

 

इसलिए जीवन में गुरु जरूरी है, गुरुर नहीं|

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