एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
सुनो… सुनो न!
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें
और बदलके इस रिश्ते को ढेर सारा प्यार देते हैं !
चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सवार लेते हैं!
जो गलतियां तुमने की हैं, जो गलतियां मैंने की हैं!
साथ बैठके आज उन्हें सुधार लेते हैं
चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सवार लेते हैं
प्यार तुमको भी है, प्यार हमको भी है
आओ इस बात को मन से स्वीकार लेते हैं!
APNA HAR DARD CHHUPAYA
Zindgi se apna har dard chupa lena
MERA WATAN WAHI HAI
चिश्ती ने जिस ज़मीं पे पैग़ामे हक़ सुनाया
EK ITIHAAS BAN JATE HAI
मोम की मानिंद, कैसे पिघल-पिघल जाते हैं,
DOSTI KA RISHTA
कहते हैं कि दोस्ती का रिश्ता,
zindgi hi ti hai
ज़िन्दगी ही तो है थोड़ा और सीखा देगी
My Best Friend
You Used Me
You used me.
Believe It Or Not
What is love?
DUSRO KO BADALNE KI CHAH
यही है ज़िन्दगी कुछ ख़्वाब चन्द उम्मीदें,
KYA HAI ZINDGI
शून्य में निहारते आसमान को देख कर भूल जाता हूं मैं अपनी परेशानी ।