papa ka pyaar

Posted on 14th Feb 2020 by sangeeta

नन्ही सी आंखें और मुड़ी हुई उंगलियां थी
ये बात तब की है जब दुनिया मेरे लिए सोई हुई थी।
नन्हे से शरीर पर कपड़ा पहनाता था वो
ईद-वीद की समझ ना थी फिर भी मेरे साथ मनाता था।
घर में खाने के बांदे थे पर FD में पैसा जोड़ रहा था
उसके सपने अधूरे थे पर मेरे लिए बुन रहा था।
यह बात तब की है जब दुनिया मेरे लिए सोई हुई थी।

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