नन्ही सी आंखें और मुड़ी हुई उंगलियां थी
ये बात तब की है जब दुनिया मेरे लिए सोई हुई थी।
नन्हे से शरीर पर कपड़ा पहनाता था वो
ईद-वीद की समझ ना थी फिर भी मेरे साथ मनाता था।
घर में खाने के बांदे थे पर FD में पैसा जोड़ रहा था
उसके सपने अधूरे थे पर मेरे लिए बुन रहा था।
यह बात तब की है जब दुनिया मेरे लिए सोई हुई थी।
KOSHISH KARNE WALON KI HAAR NAHI HOTI
ASAFLTA EK CHUNOTI HAI, ISE SWIKAR KARO
MAN SE SWIKAR
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )
aao zindagi ko gte chale
आओ जिंदगी को गाते चले, कुछ बातें मन की करते चलें,
fasal koi or katta hai
ऐसी अटल अवस्था में भी, कल क्यों पल-पल टलता है,
such a wonderful collection
So pause lots,
tum jo kehte hume
Tum jo kahte hume
WO HUM SE RUTH GAY
Mere sapne kyon tut gaye,
For A Best Friend
Through tears and fights,
sara desh hamara
कहीं तुम्हें परबत लड़वा दे, कहीं लड़ा दे पानी
AZADI KA ARTH
म नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे,