pata hi na chala

Posted on 20th Feb 2020 by sangeeta

एक जमाना जब दोस्तों के साथ,

खूब हंसी ठिठोली किया करते थे,

अब कहां खो गए पता नहीं।

 

जिम्मेदारी के बोझ ने कब जिम्मेदार,

बना दिया , पता ही नहीं चला।

 

पूरे परिवार के साथ रहने वाले,

कब अकेले हो गए, पता ही नहीं चला।

 

मीलों का सफर कब तय कर लिया,

जिंदगी का सफर कब रुक गया,

पता ही नहीं चला

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