shahido ke naam

Posted on 17th Feb 2020 by sangeeta

मज़हब जुदा सही वतन तो एक है, है फूल रंग रंग के चमन तो एक है,

 मज़हब के लिए मुल्क़ गाफिल तो नही हम,

 है अमन है हमी कोई बुजदिल तो नही हम, 

झुक सकता नही ज़ुल्म के आगे ये तिरंगा, 

इस पर तो बहा सकते हैं खून की गंगा,

 हिंदू की नही है किसी मुस्लिम की नही है,

 है हिंद जिसका नाम शहीदो की जमी हैं,

भगतसिंह ने इसे सिंचा है खून से, दुश्मन के होश

 उड़ गये जिसके जुनून से, भूलेगा न भारत कभी 

अब्दुल हामिद को, जिसने की मिलाया है

 दीवाली से ईद को,मज़हब जुदा सही वतन तो एक है, है फूल रंग रंग के चमन तो एक है,

 

Other poetry