रात की इस ख़ामोशी में
इस कलम की सरगोशी में
मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हु।
यूह तोह मेरी होके भी यह कलम
तुम्हारी ही बातें करती है सनम
चाहती हु आज यह मेरी सुने
मेरी भी आज यह लिखे
वोह बात जो मैं बताना चाहती हु।
मालुम है तुम इसे नादानी कहते हो
कुछ मेरे इश्क़ की बदनामी कहते हो
बे-पायान होती है मोहोब्बत कुछ को
तुम्हे समझाना चाहती हु।
तुम्हारे साथ होके भी
तुम्हसे दूर रहके भी
इस बे-बाक मोहोब्बत को,
बिना किसे शिकायत के करना जानती हु।
इन आँखों की नमी में
अल्फाज़ो की कमी में
बस यही कहना चाहती हु;
इश्क़ मंज़िल है यह,
कोई राह नहीं जो मोड़ना चाहती हु।
DOST JAB AAP JAISA MILA KARTA HAI
साथ अगर दो तो मुस्कायेंगे जरुर
JIWAN KA WO MARG
मैं जब तेरे बारे में सोचती हूँ ,
HUM EK NAYA SAMAJ BANAY
भारत माँ के वीर सपूतों
koshish karne walon ki kabhi haar nahi hoti
fakat yah jaanta
MERI AANKHON KA TARA
मेरी आंखों का तारा ही, मुझे आंखें दिखाता है.
Every Day My Love For You Grows
Every day that passes us by
Love Is So Amazing
My love for you is like the raging sea,
The Stranger
It was a late night in September,
My Melody..
Amazing and beautiful,
Special True Friend
It has meant so much