रात की इस ख़ामोशी में
इस कलम की सरगोशी में
मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हु।
यूह तोह मेरी होके भी यह कलम
तुम्हारी ही बातें करती है सनम
चाहती हु आज यह मेरी सुने
मेरी भी आज यह लिखे
वोह बात जो मैं बताना चाहती हु।
मालुम है तुम इसे नादानी कहते हो
कुछ मेरे इश्क़ की बदनामी कहते हो
बे-पायान होती है मोहोब्बत कुछ को
तुम्हे समझाना चाहती हु।
तुम्हारे साथ होके भी
तुम्हसे दूर रहके भी
इस बे-बाक मोहोब्बत को,
बिना किसे शिकायत के करना जानती हु।
इन आँखों की नमी में
अल्फाज़ो की कमी में
बस यही कहना चाहती हु;
इश्क़ मंज़िल है यह,
कोई राह नहीं जो मोड़ना चाहती हु।
AAG KI BHIKH
धुँधली हुईं दिशाएँ, छाने लगा कुहासा,
uchai ki taraf le jati hai
मेहनत सीढियों की तरह होती हैं,
MANZIL PHIR SE BANA
Honsala Toot raha ho agar jeevan me…
Brighter Skies
If you awake to one more dreary day,
badhe chalo
Na haath ek Shastra ho
I Fell So Deep In Love
Although I speak about you so much,
prand ke saman hai
घोर अंधकार हो,
Courage To Leave Abusive Relationship
From the Depths of despair when my world fell apart
Faith And Courage In Life
In life, some people will hurt us and cause us pain,
Missing A Friend When I'm Locked Up
Another month has come,