रात की इस ख़ामोशी में
इस कलम की सरगोशी में
मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हु।
यूह तोह मेरी होके भी यह कलम
तुम्हारी ही बातें करती है सनम
चाहती हु आज यह मेरी सुने
मेरी भी आज यह लिखे
वोह बात जो मैं बताना चाहती हु।
मालुम है तुम इसे नादानी कहते हो
कुछ मेरे इश्क़ की बदनामी कहते हो
बे-पायान होती है मोहोब्बत कुछ को
तुम्हे समझाना चाहती हु।
तुम्हारे साथ होके भी
तुम्हसे दूर रहके भी
इस बे-बाक मोहोब्बत को,
बिना किसे शिकायत के करना जानती हु।
इन आँखों की नमी में
अल्फाज़ो की कमी में
बस यही कहना चाहती हु;
इश्क़ मंज़िल है यह,
कोई राह नहीं जो मोड़ना चाहती हु।
desh ki mitti
देश की माटी देश का जल
The Feeling Of Emptiness
I look into a broken mirror,
Meri Priya ki ankhen kahin se nahi
मेरी प्रिया की आँखें कहीं से नहीं है सूरज की तरह,
RAB SE APNE TERI KHUSHI MANGI HAI.....
RAB SE APNE TERI KHUSHI MANGI HAI.....
Love's Coming
She had looked for his coming as warriors come,
A Gift To Share
I was given a smile the other day
NA RAAT DEKHI NA DIN
चाँद को भी हमने तुम्हारे लिए सजाया है
This Feeling Is Love
This feeling inside, I cannot hide.
Secret Admirer
I've never been the type to say what I feel
Poem For A Friend
If I could write a poem,